माँ की याद

Maa ki yaad
Meri Maa - Maa ki yaadein 

पता नहीं कौन सा अमरफल खा

पैदा होती हैं ये माएं

पता नहीं कहाँ से चख लेतीं हैं कहाँ से 

अमृतकलश से 

छलकती बूंदे 

कि अमर हो जाती हैं

उनके लिए भी

जिनके लिए

माँ और मृत्यु एक समान शब्द होते हैं


वे जिन्दा रहती हैं 

तो प्रेत बनी रहती हैं

और मर जाती हैं 

तो सदा के लिए जीवित हो जाती हैं

शापती हैं बुरे वक्त को

भिड़ जाती हैं मृत्यु से

हर तूफान में पतवार हो जाती हैं माएं


जादूगरनी होती हैं माएं

धर लेती हैं कोई भी रूप

पल में उदास धूसर से चटख लाल हो जाती हैं

चुपके से आले में धरकर सारे संताप

बटोरती हैं सन्तान के लिए 

झोली भर खुशियाँ

पलाश के फूल हो जाती हैं माएं


सहेजती हैं आंसुओं से चुटकी-चुटकी नमक

उँगलियों पर नाख़ून-सी जड़ी

जानती हैं झट से मौसम को बदलने का हुनर

बिछ जाती हैं कुसमय के कदमों में

बुरे दिनों में भी उत्सव हो जाती हैं माएं


जन्म और मृत्यु के सारे रहस्य जानती हैं वे

एक दिन जन्म और मृत्यु की दीवार तोड़

काल की छाती पर पांव धर

कालजयी हो जाती हैं

लौटती हैं बार-बार बिना पुकारे


भूतवर्तमान और भविष्य की

देहरियों पर अनवरत घूमती

एक दिन कागज पर कविता बन 

सो जाती हैं माएं 

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