संदेश

सबके अंदर रामतत्व का समावेश हो। जय सिया राम ।

चित्र
  सबके अंदर रामतत्व का समावेश हो । जय सिया राम        Image credit- Internet/Google राम !  इस नाम को लेने भर से मन शांति और आत्मविश्वास से भर जाता है । यह एहसास होता है कि जीवन का उद्धार हो गया । लेकिन क्या सच में हमारे अंदर इतना सामर्थ्य है की हम राम की शिक्षाओं का पालन कर सकें? उनके बताए हुए पथ का अनुसरण कर सकें? आज 22 जनवरी 2024 की पवन बेला है और आज हर भारतवासी के मन को गर्व की अनुभूति हो रही है क्योंकि आज प्रभु राम के भव्य मंदिर का उद्घाटन और प्रभु राम की प्रतिमा की प्राणप्रतिष्ठा पवन नगरी अयोध्या धाम में होने जा रही है । आज हर भारतवासी राम के दर्शन करके राममय हो जाना चाहता है । लेकिन क्या सच में हमारा हृदय इतना पवित्र है की हम खुद को राम भक्त कह सकें ?            राम तो वो हैं जिन्होंने अपना पूरा जीवन मर्यादा से जिया । सदैव नियम कानून के पालन करने को प्राथमिकता दी और स्वयं भी उनका पालन किया । माता सीता को उन्होंने उन्ही नियमों का पालन करते हुए त्याग दिया था जो उनकी जनता के लिए उन्होंने बनाए थे। उन्होंने निम्न कुल की शबरी के झूठे बेर खाए और पुरुषोत्तम कहलाए । वो ब्रह्मा के कुल मे

अदरक वाली चाय पिलाओगे?

चित्र
"अदरक वाली चाय पिलाओगे"? अदरक वाली चाय पिलाओगे? अंत में ये बचेगा कि  कु छ नहीं बचेगा, लेकिन उस कुछ नहीं में भी, अगर कुछ बच पाया, तो वो होगी एक संभावना,   मेरा यह कहना , “कोई अदरक वाली चाय पिलाएगा" ? कहने की संभावना… कहते है कि जीवन बस कुछ संभावनाओं के पूरे  होने का इंतज़ार करना है, तो समझ लो कि मैं अंत  के बाद भी इसी संभावना को ताकता रहूँगा।    

खुद की पहचान कैसै करें?

चित्र
  खुद की पहचान कैसे करें? खुद की पहचान कैसै करें?      Pic credit-: www.pexels.com  एक बात बताता चलूं आप लोगों को - " जब किसी लङकी को समझना हो तो उससे उस वक्त मिलिये जब वो अपने दोस्तों के साथ हो... क्योंकि उस समय वो न किसी की बेटी होती है, न बहन, न पत्नी, न माँ...वो तो बस वो ही होती है... अपने असली स्वरूप में। दोस्तों के संग उसका व्यवहार और उसकी बोली ही उसका असली व्यक्तित्व होता है। और अगर किसी लङके को जानना हो तो उससे अकेले में मिलिए, क्योंकि उस समय वो दूसरों पर अपने पद/ पैसे का इम्प्रेशन जमाना भूलकर अपने असली रूप में होता है। उसकी बातें, उसका व्यवहार उसका वास्तविक व्यक्तित्व दर्शाते हैं। और अगर खुद को समझना हो तो किसी अंजान अबोध शिशु की तरफ मुस्कुराकर देखिये... अगर वो आपको देखकर खुश होता है, मुस्कुराता है... तो इसका अर्थ है कि उसे आपसे सकारात्मक ऊर्जा मिल रही है। किन्तु यदि वो आपको देखकर घबरा रहा है तो  आपको अपने विचारों/दृष्टिकोण में कुछ परिवर्तन लाने की आवश्यकता है।

Mom's Memories

चित्र
          Mom's memories Mom's memories _ Miss you Mom Pic credit:Internet Images  How is it right, sometimes there is a desire to say a lot or to tell a lot in one breath without stopping and there is no mother! Mother listens, with a steady mind and a calm mind...does not dig, does not even question, nor weighs things... that's all, listens! His eyes expand and shrink in our words, and his mind remains entrapped in our words even after being involved in a thousand deeds. Know why today my mind is stuck in her memories...I Miss you  Mom !!

राष्ट्रगान वेबसाइट पर राष्ट्रगान के हिन्दी वर्जन मे गलत शब्दो का प्रदर्शित होना। 

  आदरणीय प्रधानमंत्री जी ,  सादर प्रणाम,          विषय-: राष्ट्रगान वेबसाइट पर राष्ट्रगान के हिन्दी वर्जन मे गलत शब्दो का प्रदर्शित होना। सर,    गत 25 जुलाई से शुरू का आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अन्तर्गत देश के लोग आपकी प्रेरणा से राष्ट्रगान कार्यक्रम मेें प्रतिभाग कर रहे है।  आदरणीय महोदय ,हिन्दी भाषी होने के कारण मैने एक कमी नोटिस की है। https://rashtragaan.in वेबसाइट पर जाकर जब हिन्दी भाषा के सबटाइटल्स मे राष्ट्रगान ङिस्प्ले होता है उसमे कुछ शब्द/भाषा की त्रुटी है जो कि अखरती है। वह यह है कि हम 'तव शुभ नामे जागे...गाहे तव जयगाथा' तक 3 बार आने वाले 'तव' को 'तब' बोलते हैं। कृपया ध्यान रखें यह संस्कृत का तव यानी तुम्हारा है ना कि हिन्दी का तब यानी फिर। मै आपके माध्यम से सभी देशवासियों से अनुरोध करना चाहूंगा कि वह स्वयं और अपने बच्चों को राष्ट्रगान के सही बोल और अर्थ सिखाएँ। बच्चे तो बच्चे मैंने 90 प्रतिशत वयस्कों को इसे गलत गाते सुना है। एक छोटी सी बानगी यही है कि हम 'तव शुभ नामे जागे...गाहे तव जयगाथा' तक 3 बार आने वाले 'तव' को 

माँ की याद

चित्र
Meri Maa - Maa ki yaadein  पता नहीं  कौन   सा   अमरफल   खा पैदा   होती   हैं   ये   माएं पता नहीं कहाँ से चख   लेतीं   हैं   कहाँ   से   अमृतकलश   से   छलकती   बूंदे   कि   अमर   हो   जाती   हैं उनके   लिए   भी जिनके   लिए माँ   और   मृत्यु  एक समान  शब्द   होते   हैं वे   जिन्दा   रहती   हैं   तो   प्रेत   बनी   रहती   हैं और   मर   जाती   हैं   तो   सदा   के   लिए   जीवित   हो   जाती   हैं शापती   हैं   बुरे   वक्त   को भिड़   जाती   हैं   मृत्यु   से हर   तूफान   में   पतवार   हो   जाती   हैं   माएं जादूगरनी   होती   हैं   माएं धर   लेती   हैं   कोई   भी   रूप पल   में   उदास   धूसर   से   चटख   लाल   हो   जाती   हैं चुपके   से   आले   में   धरकर   सारे   संताप बटोरती   हैं   सन्तान   के   लिए   झोली   भर   खुशियाँ पलाश   के   फूल   हो   जाती   हैं   माएं सहेजती   हैं   आंसुओं   से   चुटकी - चुटकी   नमक उँगलियों   पर   नाख़ून - सी   जड़ी जानती   हैं   झट   से   मौसम   को   बदलने   का   हुनर बिछ   जाती   हैं   कुसमय   के   कदमों   में बुरे दिनों में   भी   उत्सव   हो   जाती   हैं   माएं

म्यूचुअल फ़ंड क्या होता है?

चित्र
 म्यूचुअल फ़ंड क्या होता है?  हर   व्यक्ति   अपने   भविष्य   के   लिए   पैसे   बचाता  (Saving)  हैं   और   वो   उन   पैसों   को  Invest  करना   चाहता   हैं   ताकि   समय   के   साथ   उसके   पैसे या   सम्पति   भी   बढे   ।   ऐसे   में   वो   लोग   जो  Share Market  और   वित्त   बाज़ार   के   जोखिम   से   डरते   हैं   तो   उनके   लिए  Mutual Funds  निवेश (Investment)  करने   का    एक   बहुत   अच्छा   जरिया   है | किन   बहुत   से   लोग  Mutual Funds  के   बारे   में   ज्यादा   जानकारी   नहीं   रखते   हैं   इसीलिए   इसमें  Investment  करने   के   नाम   से   डरते   हैं।   तो आइये   आपको  Mutual Funds  के   बारे   में   विस्तार   से   बताएं। म्यूचुअल   फंड्स   क्या   होते   हैं ? सरल   शब्दों   में  Mutual Funds  के   बारे   में   कहें   तो   यह   विभिन्न   एक्सपर्ट   लोगों   द्वारा   किया   जाने   वाला   सामूहिक  Investment  है | जैसा   की   आप   जानते   हैं   की  Invest  करने   के   लिए  Market  में   तरह - तरह   की   प्रतिभूतियां   या  Securities  उपलब्ध   हैं।   आम   भाषा   में   इन्हें कं