सबके अंदर रामतत्व का समावेश हो। जय सिया राम ।
सबके अंदर रामतत्व का समावेश हो । जय सिया राम Image credit- Internet/Google राम ! इस नाम को लेने भर से मन शांति और आत्मविश्वास से भर जाता है । यह एहसास होता है कि जीवन का उद्धार हो गया । लेकिन क्या सच में हमारे अंदर इतना सामर्थ्य है की हम राम की शिक्षाओं का पालन कर सकें? उनके बताए हुए पथ का अनुसरण कर सकें? आज 22 जनवरी 2024 की पवन बेला है और आज हर भारतवासी के मन को गर्व की अनुभूति हो रही है क्योंकि आज प्रभु राम के भव्य मंदिर का उद्घाटन और प्रभु राम की प्रतिमा की प्राणप्रतिष्ठा पवन नगरी अयोध्या धाम में होने जा रही है । आज हर भारतवासी राम के दर्शन करके राममय हो जाना चाहता है । लेकिन क्या सच में हमारा हृदय इतना पवित्र है की हम खुद को राम भक्त कह सकें ? राम तो वो हैं जिन्होंने अपना पूरा जीवन मर्यादा से जिया । सदैव नियम कानून के पालन करने को प्राथमिकता दी और स्वयं भी उनका पालन किया । माता सीता को उन्होंने उन्ही नियमों का पालन करते हुए त्याग दिया था जो उनकी जनता के लिए उन्होंने बनाए थे। उन्होंने निम्न कुल की शबरी के झूठे बेर खाए और पुरुषोत्तम कहलाए । वो ब्रह्मा के कुल मे